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श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का ई श्रम कार्ड कहीं बेरोजगारों को बा रोज़गार साबित करने का मास्टर स्ट्रोक तो नही ?

 कई दिनों से ई श्रम कार्ड के बारे में सुन रहा था लेकिन मसरूफियत की वजह से उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं कर पाया। मगर आज कुछ लोगों ने इसे देखने पर मजबूर किया, मंत्रालय की वेबसाइट पर गया, वेबसाइट पर अजीब नजारा देखा कि कार्ड इश्यू करने वालों का शुमार सेकंडों में लाख की रफ्तार से बढ़ रहा था।

मैने भी न आव देखा न ताव कार्ड के लिए अप्लाई कर दिया, फिर क्या था मेरे आस पास मौजूद लोग भी मुझसे कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए कहने लगे, क्योंकि सर्विस सेंटर वाले 50 रुपए लेते हैं, और जाहिर है कि मैं फ्री में करने वाला था।

श्रम कार्ड के लिए अप्लाई करने वाले मेरे पास ज्यादातर वह लोग थे जिनके पास रोजगार के नाम पर कुछ नही था, कुछ संयुक्त परिवार के लोग थे जो परिवार के किसी एक सदस्य की कमाई पर जीवन यापन कर रहे हैं, कुछ हाउसवाइफ थीं जो अपने शौहरों पर डिपेंड हैं। 

कायदे से तो इन दोनों तरह के लोगों को बेरोजगार कहा जाता है,  लेकिन चूंकि खबर के मुताबिक कार्ड धारक को 500 प्रति माह की आर्थिक मदद दी जायेगी, अब इसमें लगना कुछ नही है जो कुछ लगना है सबके पास है, इस लिए मंहगाई और बेरोजगारी की मारी जनता बेतहाशा यह कार्ड इश्यू करा रही है।

इस कार्ड के लिए सिर्फ तीन चीज जरूरी है:

1..... मोबाइल नंबर, ये ना हो तब भी चल जायेगा किसी दूसरे के मोबाइल नंबर से भी काम हो सकता है।

2... आधार , जो कि निजता के अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बावजूद अन्य सरकारी योजनाओं की तरह इसमें भी अनिवार्य है।

3.... बैंक अकाउंट चाहिए जो हर छोटे बड़े ने जन धन योजना के तहत पंद्रह पन्द्रह लाख के चक्कर में खोल लिया था, और आज तक बैंकों द्वारा लगाए गए अलग अलग चार्ज कटवा रहे हैं।

ऐसे लोग जो बेरोजगार थे किसी जमाने में उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाता था, लेकिन अब ऐसे लोग 500 प्रति माह आर्थिक मदद लेने के लिए खुद को स्किल्ड लेबर रजिस्टर्ड कर रहे हैं, जाहिर है कि इस स्कीम की वजह से जमीन पर नही मगर श्रम मंत्रालय के डाटा में बेरोजगारी अगर खत्म नही तो काफी हद तक कम होने वाली है, क्योंकि प्रधानमंत्री जी का मानना है कि पकौड़ा तलने वाला भी बेरोजगार हरगिज नहीं। अब ये स्पष्ट नही कि कोई एम0 बी0 ए0 करके पकौड़ा तले तब भी बेरोजगार नहीं माना जायेगा या माना जायेगा।

ई श्रम कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए मंथली इनकम भी बतानी रहती है, जिसमें पहला ऑप्शन 10000 या उससे कम है, यकीनन इसमें वो लोग भी दाखिल हैं जिनकी कमाई जीरो है।

बहर हाल मेरी समझ में बस इतना आ रहा है कि श्रम कार्ड धारकों को 500 मिले या न मिले मगर हुकूमत को अपने डाटा में बेरोजगारी खत्म करने या कम से कम काफी हद तक कम करने के डाटा जरूर मिल रहा है?

ये कार्ड भरते हुए एक जगह बहुत अफसोस हुआ कि इसमें वैवाहिक स्थिति के कॉलम में गैर शादीशुदा यानी वो सिंगल लड़के/लड़कियां जो भविष्य में शादी करना चाहते/चहती हैं  उनके लिए कोई ऑप्शन नहीं, क्योंकि इसमें दिए हुए ऑप्शन ये हैं।

1-Never Married (कभी शादी न करने वाला)

2-Married( शादी शुदा)

3-Widow (बेवा)

4-Divorced/separated ( तलाक शुदा/ एक दूसरे से अलग)


सिंगल लोग पहला ऑप्शन सेलेक्ट कर रहे हैं हालांकि दिन रात शादी के सपने देखते हैं।        😁😀😂😂

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